कोरबा (ट्रैक सिटी)। कोरबा जिला वन मंडल अंतर्गत कोरबा परिक्षेत्र में तीन अलग-अलग स्थानों पर 16 हाथी घूम रहें है। जिससे ग्रामीणों को खतरा बढ़ गया है। चूंकि इस समय खेती-किसानी का काम जोरो से चल रहा है। ऐसे में ग्रामीण घरों से निकल कर अपने-अपने खेतों में पहुंच रहे है। कई ग्रामीणों के खेत जंगल के बीच स्थित है। अत: उन्हें वहांं अपने खेतो में जाना पड़ रहा है। ऐसे में इन ग्रामीणों का हाथियों से सामना हो सकता है।
वन विभाग संभावित खतरो को टालने के लिए हाथियो की मौजुदगी वाले क्षेत्र में लगातार मुनादी कराकर ग्रामीणों को सर्तक कर रहे है। बावजूद इसके वन विभाग की चेतावनी को नजरअंदाज कर ग्रामीण खेतो अथवा जंगलो में पहुंच रहे है। जिससे खतरा और भी बढ़ गया है। जानकारी के अनुसार एक दर्जन हाथियो का दल कोरबा रेंज के गेराव जंगल में है। इस दल ने आसपास के गांवो बासाखर्रा, घोटमार तथा गेराव गांव में पहुंचकर भारी उत्पात मचाया और कई ग्रामीणों के खेतो में लगे धान के थरहे को रौंद दिया।
ग्रामीणों द्वारा सूचना दिए जाने पर वन अमला मौके पर पहुंचकर नुकसानी का आकलन करने में जुट गया है। वहीं दो हाथी झुण्ड से अलग होकर चाकामार पहुंच गए। दो हाथियों के चाकामार पहुंचने की सूचना पर वन विभाग सर्तकता बरतते हुए चाकामार पहुचकर हाथियो की निगरानी में लग गया है। उधर करतला वनपरिक्षेत्र में मौजूद दो लोनर हाथी कोई के रास्ते कोरबा रेंज की सीमा पर प्रवेश कर सरदुकला जंगल जा पहुंचे। सरदुकला क्षेत्र में लोनर हाथियो के दस्तक देने की सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी गांव में पहुंचकर मुनादी के काम में जुट गए है। कटघोरा वन मंडल में बड़ी संख्या में हाथियो की मौजूदगी बनी हुई है। जो जटगा पसान व केदंई रेंज में है। केदंई रेंज में 17 हाथियो को रोदे पहाड़ पर देखा गया।