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आश्विन (क्वांर) में करेले का न करें सेवन- डॉ.नागेन्द्र शर्मा।

(ट्रैक सिटी)। हिंदी मासानुसार आश्विन (क्वांर) माह का आरंभ 18 सितंबर 2024 बुधवार से हो गया है। जो 17 अक्टूबर 2024 गुरुवार तक रहेगा। आयुर्वेद अनुसार प्रत्येक माह में विशेष तरह के खान-पान का वर्णन किया गया है जिसे अपनाकर हम स्वस्थ रह सकते हैं। इसी विषय पर छत्तीसगढ़ प्रांत के ख्यातिलब्ध आयुर्वेद चिकित्सक नाड़ी वैद्य डॉ.नागेंद्र नारायण शर्मा ने बताया की भारतीय परंपरा में ऋतुचर्या यानी ऋतुनुसार आहार-विहार करने की परंपरा रही है। यह संस्कार हमें विरासत में मिला है। अभी आश्विन (क्वांर) मास का आरम्भ 18 सितंबर 2024 बुधवार से हो गया है। जो 17 अक्टूबर 2024 गुरुवार तक रहेगा। इस अंतराल में हमें अपने आहार-विहार पर विशेष ध्यान देना चाहिये। आश्विन (क्वांर) मास में बादल छट जाने से आसमान साफ एवं सूर्य चमकदार हो जाता है।जिसके कारण आयुर्वेदानुसार पित्त दोष का प्रकोप होता है। जिससे पित्त जनित रोग एवं त्वचा संबंधी रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में हमे पित्त शामक खाद्य पदार्थों एवं मधुर तथा तिक्त रस वाले, हल्के और ठंडे गुणों से युक्त आहार का सेवन करना चाहिये। पित्त वर्धक खाद्य पदार्थों एवं कड़वे, कसैले रस युक्त आहार से परहेज करना चाहिये। इस माह में करेले का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिये इससे स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां बढ़ सकती हैं। इस माह में गुड़ का सेवन करना हितकारी होगा। हमारे छत्तीसगढ़ में कहते भी हैं की

“क्वांर करेला कार्तिक महि””

“मरही नही त परही सही”

अर्थात- क्वांर मास में करेला खाने वाला, तथा कार्तिक मास में महि (छाछ) का सेवन करना वाला मरेगा नहीं तो बीमार अवश्य पडेगा।

जीवनशैली- इस माह में सूर्य के प्रकाश में रहने, धूप में घूमने, दिन में शयन करने एवं अधिक भोजन (ओवर ईटिंग) से बचाव करना चाहिये। शरीर को ढक कर रखना चाहिये। हल्के गुनगुने पानी से स्नान करना चाहिये।

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