हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी का विशेष महत्व होता है. इस दिन भक्त अपने घरों में गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापित करते हैं. भक्त अगले 10 दिनों तक विधि पूर्वक इनकी पूजा अर्चना करते हैं इसके बाद अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति बप्पा का विसर्जन करते हैं. धार्मिक मान्यता है कि विधि पूर्वक इन का विसर्जन करने से साल भर भक्तों के घर में कोई कष्ट नहीं आता. घर परिवार में धनागमन बना रहता है .गणेश भगवान की कृपा से भक्तों के सारे कष्ट और पाप कट जाते हैं. धन वैभव और सुख समृद्धि की वृद्धि होती है.
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, गणपति विसर्जन के दिन भगवान गणेश की विधि विधान से पूजा अर्चना करें. पूजा के दौरान उन्हें उनके प्रिय चीज दुर्वा, हल्दी, कुमकुम ,माला, नारियल और अक्षत अर्पित करें. इसके बाद उन्हें मोदक, लड्डू आदि का भोग लगाएं .धूप दीप और अगरबत्ती जलाकर ऊं गं गणपतये नमः का जाप करें. इसके बाद एक साफ चौकी को गंगाजल से पवित्र कर उस पर स्वास्तिक का चित्र बनाएं और उस पर अक्षत डालें. इस पर लाल या पीला कपड़ा बिछा ले. चौकी के चारों के ओर सुपारी रखें .अब इस मूर्ति को इस चौकी पर रखें. इस किसी नदी या पोखरे के किनारे ले जाकर विसर्जित करें. विसर्जन करने से पहले कपूर से गणेश जी की आरती करें. गणपति जी को विदा करते समय अगले साल आने की कामना करते हुए निवेदन भी करें.