जांजगीर-चाँपा

कलेक्टर की पहल पर जिले में शासकीय बहुदिव्यांग विद्यालय एवं छात्रावास का जल्द होगा शुभारंभ

जिले में प्रदेश का तीसरा बहुदिव्यांग विद्यालय सह छात्रावास होगा स्थापित

छात्रावास में 50 सीटों की होगी प्रवेश क्षमता,
शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए कुल 75 छात्र-छात्राओं की संख्या का है प्रस्ताव

कलेक्टर के विशेष प्रयास से बहुदिव्यांग बच्चों को समाज के मुख्यधारा से जोड़ने, बाधारहित शैक्षिक एवं गुणवत्तायुक्त सुविधाएं उपलब्ध कराकर उनका किया जाएगा सर्वांगीण विकास

जांजगीर-चांपा । कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के विशेष प्रयास से जिले में जल्द ही प्रदेश का तीसरा शासकीय बहुदिव्यांग विद्यालय सह छात्रावास का शुभारंभ पेण्ड्री जांजगीर में किया जाएगा। यह विद्यालय एक से अधिक दिव्यांगता से ग्रसित निःशक्तजनो के लिए संचालित होगी। जहां बहुदिव्यांग बालक वर्ग के लिए अन्तःवासी एवं बालिका वर्ग के लिए दैनिक छात्र के रूप में निःशुल्क शिक्षण-प्रशिक्षण संचालित किया जाएगा। कलेक्टर के विशेष प्रयास से विद्यालय सह छात्रावास के संचालन के लिए समाज कल्याण संचालनालय रायपुर द्वारा जिले में संधारित निराश्रित निधि से 24 लाख 94 हजार रुपए के व्यय की अनुमति प्रदान की गई है। शैक्षिणक सत्र 2022-23 के लिए बहुदिव्यांग निःशक्तता के छात्रावासी 50 सीटे और दैनिक 25 सीटे इस प्रकार कुल 75 छात्र-छात्राओं की संख्या प्रस्तावित है।
ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा दिव्यांगजनो के प्रति विशेष स्नेह, संवेदनशीलता और दिव्यांगजनो के अनुकूलन को दृष्टिगत रखते हुए दिव्यांगजनो को गृह जिले में ही शैक्षणिक पुनर्वास की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए शासकीय बहुदिव्यांग विद्यालय सह छात्रावास पेण्ड्री जांजगीर का लोकार्पण जनवरी 2021 में किया गया था। जिसकी लागत राशि 296 लाख रूपए है। मुख्यमंत्री के मंशानुरूप इस विद्यालय के माध्यम से बहुदिव्यांग बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने, बाधारहित शैक्षिक एवं प्रशैणिक सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए उन्हे स्वावलंबी एवं समाजोपयोगी बनाकर उनका सर्वांगीण विकास किया जाएगा। इस विद्यालय में प्रथम चरण अंतर्गत बहुदिव्यांग बच्चों को कक्षा पहली से 5वीं तक शिक्षण-प्रशिक्षण दिया जाना प्रस्तावित है। इसके अतिरिक्त विशेष शिक्षा अंतर्गत श्रवण प्रशिक्षण, वाणी प्रशिक्षण, दृश्य प्रशिक्षण, स्पर्श प्रशिक्षण, घ्राण प्रशिक्षण प्रदान किया जाना है।
उप संचालक समाज कल्याण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस विद्यालय में बहुदिव्यांग बच्चों को समाज के मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से, विशेष रूप से प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा उनके संभव उपचार, विशेष प्रशिक्षण, दैनिक दिनचर्या प्रशिक्षण, वाणी एवं भाषा विकास, प्री रोजगार मूलक प्रशिक्षण, समस्याजनक व्यवहारों में नियंत्रण एवं सुधार के लिए बाधारहित शैक्षिक एवं प्रशैक्षिक सुविधा उपलब्ध कराकर उनका संर्वागीण विकास एवं समग्र पुनर्वास किया जाएगा। इसके साथ ही स्पर्श अनुकरण विधि ब्रेल लिपी, सांकेतिक भाषा, ओरल-औरल, संरचना विधि एवं संपूर्ण संप्रेषण इत्यादि विधि एवं प्रविधियों से समुचित रूप से शिक्षण-प्रशिक्षण प्रदान की जाएगी।

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