Health

गंभीर त्वचा रोग से पीड़ित एक माह में ही हुआ पुरी तरह ठीक ..चिकित्सक को दिया धन्यवाद

 

“चिकित्सात् पुण्यतम न किञिचत”

“धन्यवाद उस परमपिता को जिसने हमें यह काम दिया,

जनसेवा का महालक्ष्य दे हमें चिकित्सक नाम दिया। – पंडित नागेन्द्र नारायण शर्मा

चिकित्सा कर्म करना सिर्फ अर्थोपार्जन तक ही सीमित नहीं है। उससे कहीं अधिक संतुष्टि और प्रसन्नता तब होती है जब मरीज़ या मरीज़ के परिजन आकर बताते हैं, की आपके इलाज से लाभ हुआ। तब लगता है की ईश्वर ने हमको चिकित्सक बनाकर हम पर बहुत बड़ा उपकार कीया है। जिसके लिये हम उन्हें जितना धन्यवाद दें कम ही होगा।
ऐसा ही कुछ मेरे साथ हुआ जब जुनवानी रायगढ़ निवासी यादव लाल मैत्री जी रायगढ़ से धन्यवाद देने कोरबा मेरे पास आये। तब उन्होंने बताया की वो 5 सालों से गंभीर त्वचा रोग हर्पिस जोस्टर नामक रोग से ग्रसित थे। जिसका बहुत जगह इलाज कराने पर भी आराम नहीं मिल पा रहा था। तब पेपर के माध्यम से आपके कैंप के विषय मे पता चला की आप रायगढ़ ओम मेडिकल कबीर चौक मे आ रहे हैं। तो वहाँ जाकर मैंने आपको दिखाया और आपने जिस तरह से मेरे रोग के बारे मे मुझे समझाया और आपसे बात करके ही मुझे विश्वास लगने लगा था की मैं ठीक हो जाऊंगा और आपने मुझे एक माह की दवाइयां दी और कुछ परहेज भी बताया जिसका मैंने अक्षरस: पालन कीया। और इसका परिणाम ये हुआ की एक माह की दवा में ही मैं पूरी तरह ठीक हो गया। जो काम वर्षों से नहीं हो पाया वो आपकी एक माह की दवा ने कर दिया। उसके लिये मैं आपसे मिलकर आपको हृदय से धन्यवाद देने के लिये रायगढ़ से कोरबा आया हूं।

यह चमत्कार मेरा नहीं आयुर्वेद का है। आयुर्वेद जो संपूर्ण जगत के प्राणीयों के लिये हैं, जो ऋषियों एवं आचार्यो की देन है, जो शाश्वत है, नित्य है, विशुध्द और निरापद है। हम उस विधा के अनुयायी हैं, शिष्य हैं, चिकित्सक हैं। और इस पर हमें घमंड नहीं अपितु गर्व है की हम उस ऋषि परंपरा के संवाहक हैं।

Editor in chief | Website | + posts
Back to top button