कोरबा/ छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना अंतर्गत कटघोरा विकासखंड के बुंदेली गौठान में गायत्री स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा विभिन्न आजीविका गतिविधियां संचालित कर आमदनी अर्जित कर रहीं हैं और अपनी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ कर रहे हैं। इस गौठान में ग्राम के तीन स्व सहायता समूह के सदस्य जुड़कर गौठान में उपलब्ध संसाधनों से जैविक खाद निर्माण, केंचुआ उत्पादन, सब्जी उत्पादन जैसी अन्य गतिविधियां संचालित कर स्वावलंबी बन रहीं हैं।
जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर बुंदेली गौठान में नियमित गोबर खरीदी एवं वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण समूह की महिलाओं द्वारा किया जा रहा है। वर्मी कम्पोस्ट के निर्माण से जुड़ी गायत्री स्व सहायता समूह की सदस्य श्रीमती उमा देवी ने बताया कि समूह के सभी सदस्य प्रशिक्षण लेकर गौठान में वर्मी खाद बनाने का कार्य कर रहे हैं। गौठान में समूह की महिलाओं द्वारा अब तक 3 लाख 84 हजार 345.50 किलो गोबर की खरीदी की है। जिससे 1 लाख 22 हजार 738 किलो जैविक खाद का निर्माण हुआ है। अब तक 1 लाख 4 हजार 748 किलो वर्मी खाद का विक्रय किसानों को किया गया है। जिससे समूह की महिलाओं को 3 लाख 42 हजार 525 रूपए का लाभ हुआ है। गौठान में गायत्री स्व सहायता समूह के सदस्य आजीविका गतिविधि कार्य से बेहद खुश हैं और अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर रही हैं। उन्होंने बताया कि सभी महिलाएं घरेलू कार्य के साथ-साथ आजीविका के लिए रोजी-मजदूरी का कार्य करतीं थीं। इस हेतु उन्हें नहीं चाहते हुए भी गांव से बाहर जाना पड़ता था। प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत गांव में गौठान का निर्माण हो जाने से उन्हें गांव में ही आजीविका का स्रोत मिल गया है। महिलाएं अब गौठान में अपनी रूचि अनुसार कार्य करके आय अर्जित कर रहीं हैं।
इसी प्रकार से बुंदेली गौठान में दुर्गा एवं जय अम्बे स्व सहायता समूह की महिलाएं भी आजीविका गतिविधियों से जुड़कर कार्य कर रहे हैं। यह समूह सब्जी उत्पादन का कार्य गौठान में कर रहे हैं। उनके द्वारा आलू, प्याज, लाल भाजी, टमाटर, अदरक, बरबट्टी, भिण्डी जैसे अन्य मौसमी सब्जियों का उत्पादन किया गया हैं। समूह द्वारा खरीफ एवं रबी सीजन के अनुसार विभिन्न सब्जी उत्पादन कर 60 हजार से अधिक की आमदनी अर्जित की गई है। इस कार्य से समूह के सभी सदस्य खुश हैं और आय भी प्राप्त कर रहे हैं। अब ये महिलाएं आर्थिक रूप से सक्षम बन रही है। साथ ही अपनी परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाकर सुदृढ़ कर रही है। महिला समूह की दीदियों का कहना है कि गौठान से उन्हें आर्थिक संबल मिला है। जिससे वे स्वावलम्बी बनकर निरंतर उन्नति की राह पर अग्रसर हो रही है।