सारंगढ बिलाईगढ़ (ट्रैक सिटी)/ पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को सहायता के लिये भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना लागू की गई है। इस योजना से ऋण लेकर छोटे-छोटे व्यवसाय से जुड़े कारीगर बेहतर स्वरोजगार स्थापित कर सकते हैं। इस योजना में 18 प्रकार के व्यापार करने वाले यथा बढ़ई. नाव बनाने वाले, अस्त्रकार, लोहार, लोहे के औजार निर्माता, तालासाज, सोनार, कुम्हार, मूर्तिकार, चर्मकार, राजमिस्त्री, टोकरी-चटाई बनाने वाले, गुड़िया खिलौने बनाने वाले, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी तथा मछली पकड़ने के जाल निर्माता लाभार्थी हो सकते हैं। पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत पंजीकरण की तिथि पर न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए। लाभार्थियों को स्वरोजगार, व्यवसाय विकास योजना के तहत अंतिम पांच वर्ष में राज्य या केन्द्र सरकार की किसी भी योजना अंतर्गत ऋण लिया हुआ नहीं होना चाहिए। योजना का पंजीकरण और लाभ परिवार के एक सदस्य तक ही सीमित होगा तथा सरकारी सेवा में कार्यरत व्यक्ति एवं उसके परिवार के सदस्य पात्र नहीं होंगे। पंजीकरण हेतु आवेदन लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से पीएम विश्वकर्मा योजना पोर्टल https://pmvishwakarma.gov.in/ , मोबाईल ऐप पर किये जा सकते हैं। योजना का उद्देश्य कारीगरों और शिल्पकारों की पहचान विश्वकर्मा के रूप में करके इन्हें सभी लाभ प्राप्त करने के योग्य बनाना, विश्वकर्माओं को उपलब्ध कौशल उन्नयन कार्यक्रम से जोड़कर उनका कौशल विकास करना, उनकी योग्यता, क्षमता और उत्पादकता बढ़ाने के लिये आधुनिक औजार प्रदान करना, ऋण प्रदान करना तथा उन्नति के लिये बाजारों से जोड़ना है।