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जिले में आदिमानव द्वारा बनाए गए शैलचित्र शोधपरख…डॉ विनोद पांडेय।

एमसीबी (ट्रैक सिटी)/ छत्तीसगढ़ शासन पुरातत्व एवं संस्कृति विभाग द्वारा महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय रायपुर के सभागार में 21 दिसंबर से 23 दिसंबर 2024 तक प्राचीन छत्तीसगढ़ में कला और वास्तु कला विषय पर राज्य स्तरीय शोध संगोष्ठी का आयोजन डॉ. भुवन विक्रम क्षेत्रीय निदेशक भोपाल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की विशिष्ट अतिथि एवं संचालक पुरातत्व पर्यटन संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य की अध्यक्षता में किया गया। मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले से पुरातत्व एवं पर्यटन विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. विनोद कुमार पांडेय ने मनेंद्रगढ़- चिरमिरी -भरतपुर जिले के शैलाश्रय के बारे में व्याख्यान एवं प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया तथा जिले के भरतपुर विकासखंड के तिलौली, आरा, लावाहोरी (घोड़बंधा पाठ) भंवरखोह (कोहबउर), नवाडीह के शैलाश्रयों (आदिमानव द्वारा चट्टानों, पहाड़ों, गुफाओं में उकेरे गए चित्र) के बारे में विस्तार से अवगत कराया साथ ही पेपर प्रेजेंटेशन भी दिया। छत्तीसगढ़ व विभिन्न राज्यों से आए 64 लोगों ने शोध सारांश भेजें। जिसमें से संगोष्ठी के मूल विषय और उपविषयों पर केंद्रित 44 आलेखों का वाचन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से पुरातत्व विभाग के उपसंचालक डॉ. पी॰ सी॰ पारख, पूर्व उप संचालक जी. एल. रायकवार, राहुल सिंह, प्रोफेसर एल. एस. निगम, प्रोफेसर दिनेश नंदिनी परिहार, डॉ. मोना जैन, डॉ. नितेश मिश्रा, मंगलानंद झा, प्रभात सिंह, अमर भारद्वाज सहित अनेक पुरातत्वविद व इतिहासकार उपस्थित रहे।

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