NEWS

पाम ऑयल नेशनल मिशन कृषकों के लिए लाभकारी- कलेक्टर

 

ट्रैक सिटी/ कलेक्टर धर्मेश कुमार साहू और परियोजना निदेशक हरिशंकर चौहान ने बरमकेला क्षेत्र के ऑयल पाम खेती का निरीक्षण किया। कलेक्टर ने बरमकेला क्षेत्र के ग्राम बनवासपाली के कृषक ईश्वर सिदार और लिमपाली के तेजराम बरिहा के खेत में लगे ऑयल पाम खेती की उपज एवं आमदनी के बारे में जानकारी ली और किसानों को सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए अन्य किसानों को पाम ऑयल की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए कहा। निरीक्षण के दौरान उद्यान विस्तार अधिकारी मनोज ड़ड़सेना, विनय पटेल, योगेश नायक, रेशम विभाग के मधुप चंदन और कृषि विकास अधिकारी बसंत नायक उपस्थित थे।

ग्राम बनवासपाली के कृषक ईश्वर सिदार ने कलेक्टर साहू को जानकारी दी कि उद्यानिकी विभाग के मार्गदर्शन से 12 एकड़ में पौधे का रोपण किया है। इस वर्ष 2.5 एकड़ में उत्पादन शुरू हो गया है। माह जून से अब तक 30 क्विंटल उत्पादन हो चुका है, जिसका बाजार मूल्य पचास हजार रुपये है और फलो की खरीदी गोदरेज कंपनी द्वारा की जाती है। ग्राम लिमपाली निवासी कृषक तेजराम बरिहा ने निरीक्षण के दौरान कहा कि, उन्होंने 6 एकड़ में 2 वर्ष पूर्व रोपण किया है जिसमे अंतरवर्ती फसल के रूप मिर्च की खेती की है। मिर्च की खेती से इस वर्ष कृषक को 6 एकड़ में लाखों रुपए की आमदनी मिल चुकी हैं।

नेशनल खाद्य तेल पाम ऑयल मिशन कृषकों के लिए यह लाभकारी योजना हैैै। इस योजना के तहत कृषको को पहले वर्ष प्रति एकड़ 57 पौधे प्रदाय किये जाते हैै। पहले से चौथे वर्ष तक प्रति एकड़ रखरखाव हेतु 2100 रू. तथा अंतरवर्ती फसलों हेतु 2100 रू. अनुदान के रूप में विभाग द्वारा प्रदाय किया जाता है। 5 एकड़ में फसल लगाने पर बोरवेल के अनुदान का भी प्रावधान है। ऑयल पाम के पौधे 9 x 9 मीटर की दूरी पर लगाये जाते है, जिसके बीच में कोई भी फसल लगाया जा सकता है। ऑयल पाम की खेती ड्रिप स्प्रिंकलर सिंचाई में की जाती है। ड्रिप स्प्रिंकलर सिंचाई हेतु भी अनुदान का प्रावधान है। ऑयल पाम लगाने के तीसरे साल के बाद निरंतर और निश्चित लाभ देने वाली फसल है। इसकी खेती से प्रति एकड़ प्रति वर्ष 10 टन तक उत्पादन प्राप्त होता है। उत्पादित फलों के गुच्छो को गोदरेज एग्रोवेट कंपनी लिमिटेड द्वारा खरीदा जाता है, जिसका मूल्य सरकार द्वारा सुनिश्चित किया गया है। इसका वर्तमान मूल्य 1729 रू. प्रति क्विंटल है। विपरीत मौसम में भी यह फसल खराब नही होता है। रोग एवं कीटो का प्रकोप ना के बराबर होता है। इस फसल में चोरी की संभावना भी नहीं है।

Editor in chief | Website | + posts
Back to top button