बिलासपुर। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के बिलासपुर उरगा प्रोजेक्ट का काम शुरू हो चुका है। कुल 1115 करोड़ रुपए के 70 किलोमीटर के इस एक्सप्रेस-वे में एक बार वाहन प्रवेश करने के बाद वापस जाने के लिए कहीं भी जगह नहीं होगी। यह प्रस्तावित फोरलेन सड़क बिलासपुर लालखदान के पास ढेका से बलौदा बाइपास होते हुए उरगा से आगे कुनकुरी होते हुए झारखंड की सीमा तक जाएगी। एक्सप्रेस वे बिलासपुर, जांजगीर-चांपा और कोरबा जिले को कनेक्ट करेगा।
एनएचएआई का महत्वपूर्ण भारत माला प्रोजेक्ट का टेंडर फाइनल हो चुका है। इसका काम जेआरएम फर्म को मिला है। इस फोरलेन सड़क के बनने से बिलासपुर जिले के साथ पड़ोसी जिलों में व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ेंगी। बिलासपुर के लालखदान के पास ढेका से बलौदा बाइपास से होते हुए उरगा से कोरबा तक की सड़क बेहद महत्वपूर्ण है।
इस मार्ग पर छोटे वाहनों के साथ भारी वाहनों का भी अत्यधिक दबाव रहता है। इस मार्ग में कई घुमावदार मोड़ व खामियां हैं। इस प्रोजेक्ट में 500 करोड़ रुपए की कृषि भूमि का भू-अर्जन किया जा चुका है। फोरलेन सड़क पर कुल 20 ब्रिज बनेंगे, जिसमें 100 मीटर के 11 ब्रिज और 60 मीटर या उससे छोटे 9 ब्रिज बनाए जाएंगे। मार्ग के फोरलेन हो जाने के बाद हादसों में भी कमी आएगी। प्रोजेक्ट डायरेक्टर एके ढाल के अनुसार वर्क आर्डर जारी होने के बाद प्रोजेक्ट का काम शुरू कर दिया गया है।
दोनों ओर होगी बाउंड्रीवाल ताकि मवेशी न आएं
ढेका से बलौदा, नगवा, उरगा तक यह फोरलेन सड़क एक्सप्रेस वे होगी। सड़क पर वाहन 120 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से गुजर सकेंगे। सड़क के दोनों ओर 135 किलोमीटर तक सुरक्षागत कारणों से बाउंड्रीवॉल बनाई जाएगी, ताकि कोई मवेशी सड़क में न आ सके।
तीन जिलों की लाइफ लाइन बनेगी फोरलेन सड़क
इस फोरलेन सड़क के बन जाने के बाद राष्ट्रीय स्तर तक व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ सकेगी। बिलासपुर से पाली, पाली से कटघोरा और कटघोरा से कोरबा तक की सड़क राज्य की महत्वपूर्ण सड़कों में शामिल है। इस मार्ग से खनिजों की सप्लाई अन्य राज्यों से होती है। जंगलों के बीच रास्ता हैवी वाहनों के चलने की वजह से कई जगहों पर खराब हो चुका है। यह फोरलेन सड़क तीन जिलों बिलासपुर, जांजगीर-चांपा और कोरबा की लाइफ लाइन बन सकती है।