कोरबा/ट्रैक सिटी न्यूज़। दिनाॅंक 19/12/2022 को मिनिमाता स्कूल, बालको नगर में मिट्टी के प्रति प्रेम और उससे जुड़े जागरुकता के प्रसार-प्रचार हेतु सम्पूर्ण भारत के यात्रा पर निकले भाई सुरेंद्र अन्ना जी का आगमन हुआ। इसी कड़ी में स्कूल प्रबंधन ने उनकी उपस्थिति में कुछ कार्यक्रम रखें जिनमें प्रमुख रूप से सुरेंद्र अन्ना के द्वारा एक उद्बोधन दिया गया जोकि पूर्ण रूप से मिट्टी को बचाने उसके स्वास्थ्य को सुधारने और उसके प्रति प्रेम और समर्पण जगाने वाला रहा जिसे सभी बच्चों, शिक्षक एव शिक्षिकाओं ने बड़े ही उत्साह और ध्यान से सुना और समझने का प्रयास किया उसके उपरांत दिनांक 5 दिसंबर 2022 को विश्व मृदा दिवस के उपलक्ष पर आयोजित किए गए कार्यक्रम में भाग लेकर जिन बच्चों के द्वारा पेंटिंग बनाया गया तथा प्रधानमंत्री को मिट्टी को बचाने हेतु प्रयास करने के लिए स्मरण पत्र लिखा गया उन सभी बच्चों को विशेष तौर पर सुरेन्द्र अन्ना के हाथों से प्रशस्ति पत्र देकर प्रोत्साहित किया गया उक्त कार्यक्रम में लगभग 50 से अधिक छात्र छात्राओं को प्रशस्ति पत्र का वितरण किया गया ,
जिसके माध्यम से सभी छात्र मिट्टी और इसकी सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने का आगे भी प्रयास करेंगे। बच्चों द्वारा तैयार किए गए पेंटिंग्स और पत्रों को सेव सॉइल वॉलंटियर की ओर से सेव सॉइल की ऑफिशियल वेबसाइट पर अपलोड किया गया है जिसे देश विदेश के लोगों द्वारा खासा पसंद किया जा रहा है, इस कार्यक्रम का संचालन मिनीमाता स्कूल, बालको के प्राचार्य भोजेन्द्र सिंह द्वारा किया गया तथा माधुरी सिंह, शशि सिंह, गोपाल दास, रेणु शाह, निली और अन्य शिक्षकों और लगभग 500 छात्रों की उपस्थिति में स्कूल प्रबंधन द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया इसमें प्रमुख रूप से मिट्टी बचाओ अभियान के वॉलंटियर सुरेंद्र अन्ना, ललित देवांगन एवं पुष्पेंद्र जायसवाल भी उपस्थित रहे। मिट्टी और पर्यावरण के प्रति स्कूल का यह पहल काफी महत्वपूर्ण और सराहनीय रहा।
सुरेंद्र अन्ना का संक्षिप्त परिचय
पूरा नाम सुरेन्द्र यादव निवासी वीरपुरा, म. प्र. मिट्टी और पर्यावरण सरंक्षण के अभियान क़ो लेकर.. तमिलनाडु के ईशा फाउंडेशन में स्थित आदियोगी, कोयमंटूर से जम्मू की यात्रा सायकल से पूरी कर चुके हैं और अब द्वारका से अरुणाचल प्रदेश की साइकिल यात्रा पर हैं इसी कड़ी में वे महाराष्ट्र से होते हुए छत्तीसगढ़ पहुंचे हैं ।
देश व देश के लोगों क़ो जागरूक करने के उदेश्य से इस बहुउद्देयशीय यात्रा पर वे. निकले हैं जिसमें उनके द्वारा राजनंदगांव, रायपुर, भिलाई, भाटापारा, बिलासपुर, चम्पा और कोरबा का प्रवास पूर्ण हो गया है वर्तमान में वे रायगढ़ में हैं वहां से होते हुए उड़ीसा जायेंगे और उनकी यह त्याग और समर्पण के साथ मिट्टी के लिए अलख जगाने की यह यात्रा लगातार जारी रहेगी।