सारंगढ़-बिलाईगढ़ (ट्रैक सिटी)/ शिक्षक दिवस के अवसर पर राजभवन रायपुर में जिले के शिक्षक पूनम सिंह साहू और सुनीता यादव को राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्यपाल शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया।
पूनम सिंह साहू का नाम शिक्षा जगत में किसी परिचय का मोहताज नहीं है। हाल ही में स्कूल प्रवेश उत्सव के दौरान “स्कूल जाबो” छत्तीसगढ़ी गीत के गीतकार भी हैं। वे शिक्षक के साथ-साथ योग प्रशिक्षक, स्काउट प्रशिक्षक एवं खेल प्रशिक्षक के रूप में भी अपनी विशिष्ट पहचान बनाते हुए समाज सेवा के कार्य जुटे हुए हैं। इनके इन विशिष्ट कार्यों एवं उपलब्धि को देखते हुए उन्हें पीएचडी की मानद उपाधि प्रदान की गई है। उनका जीवन आज भी शिक्षकों के लिए प्रेरणादाई है। बसना तहसील के छोटे से ग्राम बम्हनीनडीह में पूनम साहू पिता रेशम लाल साहू का जन्म हुआ था। वर्तमान में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय घरजरा विकासखंड बिलाईगढ़ में व्याख्याता के पद पर कार्यरत हैं। पूरी तरह से बच्चों और स्कूल को अपना जीवन को समर्पित करने वाले इस शिक्षकों की शिक्षक को मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण शिक्षाश्री, राज्यपाल पुरस्कार 2023 के लिए भी सम्मानित होने वालों में बिलाईगढ़ विकासखंड के इकलौते शिक्षक हैं। सृजन गौरव अलंकरण एवं आखर सम्मान जैसे कई पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं। इन्होंने स्काउटिंग के क्षेत्र में अपनी योगदान देते हुए बहुत ही कम उम्र में लीडर ट्रेनर बनने का गौरव हासिल की है। राज्य जंबूरी में कोऑर्डिनेटर की भूमिका निभाते हुए करमा नृत्य में गोल्डन वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए इन्हें राज्य शासन द्वारा विशेष रूप से सम्मानित भी किया जा चुका है। प्रशिक्षण में भाग लेकर छात्रों को न सिर्फ राज्यपाल और राष्ट्रपति पुरस्कार दिलाने में योगदान दिया है बल्कि देश-विदेश की भी यात्राएं की है। अध्यापक, स्काउट प्रशिक्षक के अतिरिक्त योग, तैराकी एवं तीरंदाजी प्रशिक्षक के रूप में बच्चों को प्रशिक्षित कर रहे हैं, जिसके परिणाम स्वरूप उनके प्रशिक्षित कई बच्चों का चयन राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर हो चुका है। ग्रामीण बच्चों में तैराकी एवं तीर कमान से खेलने की कला बचपन से होती है। उन खेलों की ओर बच्चों को जोड़ते हुए विशेष प्रशिक्षण प्रदान कर तैराकी एवं तिरंदाजी के खिलाड़ी तैयार की है। साहित्य सृजन के क्षेत्र में भी इनकी योगदान अविस्मरणीय रहा है। इनकी कविता ‘मजदूर की पुकार’, करोना तूने ऐसा आतंक ढाया’ पत्र पत्रिका में प्रकाशित हो चुका है। उनकी योग दक्षता बैज पर आधारित एक पुस्तक का भी इन्होंने प्रकाशन किया है। जो स्काउट छात्रों के साथ-साथ सामान्य व्यक्तियों के लिए बहुत उपयोगी है। बहुमुखी प्रतिभा के धनी पूनम सिंह साहू को प्रशिक्षक के रूप में कार्य करने के लिए कई दिनों तक अपने घर परिवार से दूर रहना पड़ता है। उनका कहना है कि उनका एक बैग हमेशा तैयार रहता है क्योंकि प्रशिक्षण देने के लिए कब कहाँ से आदेश आ जाए। उन्होंने अतिरिक्त क्लास लेकर भी अपनी कोर्स को पूरा करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ते। यहां तक की बच्चों को ग्रीष्म अवकाश का भी सदुपयोग करने के लिए समर कैंप का आयोजन कर विभिन्न कलाओं का प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं। गर्मी के समय में तैयार की स्कूल जाबो प्रवेश गीत पिछले जून में ही रिलीज किया गया जिसे काफी सराहा गया। इन्होंने समाज सेवक में भी अग्रणी भूमिका निभाते हुए अपनी योगदान दे रहे हैं। गर्मी के दिनों में पिआऊ केंद्र खोलना हो या स्वच्छता अभियान चलाना हो या फिर वृक्षारोपण जैसे कार्यों में अपनी स्काउट टीम के साथ हमेशा तत्पर रहते हैं। अध्यापन कार्य के साथ-साथ स्कूलों की अन्य गतिविधियों में भी पूर्ण सहभागिता देते हुए कंप्यूटर ऑपरेटर, छात्रवृत्ति, इंस्पायर अवार्ड जैसे कार्यों का बखूबी निर्वहन करते हुए वे कई बार प्राचार्य के हाथों सम्मानित हो चुके हैं।