जांजगीर-चांपा (ट्रैक सिटी)/ रामगुलाम, जो लंबे समय से अपनी आर्थिक तंगी और एक पक्के घर की कमी से जूझ रहे थे, ऐसे मे उनके जीवन में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण ने एक नई उम्मीद जगाई। उनकी जिंदगी में यह योजना तब एक बड़ा बदलाव लेकर आई जब उन्हें इस योजना के तहत अपना खुद का पक्का मकान मिला।
जांजगीर-चांपा जिले के बलौदा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत चारपारा में रामगुलाम पटेल अपने परिवार के साथ झोपड़ी में रहते थे, जहाँ बारिश और गर्मी के मौसम में रहना मुश्किल हो जाता था। खेती से मिलने वाली आमदनी इतनी नहीं थी कि वे खुद का पक्का घर बना सकें। बच्चों की पढ़ाई और परिवार की जरूरतों को पूरा करते हुए, घर का सपना उनके लिए बस एक कल्पना रह गया था। जब उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के बारे में उन्हें जानकारी मिली, तो उन्होंने आवेदन किया। प्रक्रिया सरल और पारदर्शी थी, जिससे उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं हुई। योजना के तहत मिलने वाली वित्तीय सहायता और सरकारी अधिकारियों की मदद से जल्द ही उनका घर बनकर तैयार हो गया। अब रामगुलाम अपने परिवार के साथ एक सुरक्षित और साफ-सुथरे माहौल में रह रहे हैं। उनका कहना है कि पक्के घर ने न केवल उन्हें आरामदायक जीवन दिया है, बल्कि उनकी बच्चों की पढ़ाई और स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव डाला है। आवास के अलावा उनके परिवार को महात्मा गांधी नरेगा की मजदूरी, एस बी एम से शौचालय, उज्ज्वला से गैस सिलेंडर भी मिला है। वे अब खेती के साथ-साथ छोटे व्यवसाय की योजना भी बना रहे हैं, ताकि परिवार की आर्थिक स्थिति को और मजबूत कर सकें। रामगुलाम की कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों का घर पाने की उम्मीद करते हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना ने न केवल उन्हें घर दिया, बल्कि उनके जीवन में स्थिरता और आत्मविश्वास भी भरा।