कोरबा,13 दिसंबर (ट्रैक सिटी) छात्रों को कानून की जानकारी देने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा विधि महाविद्यालय की स्थापना की गई है जहां उन्हें संविधान द्वारा दिए गए नागरिकों के कर्तव्य और उनके अधिकारों की जानकारी दी जाती है। जाहिर है ऐसे महाविद्यालय में जानकार अध्यापक-अध्यापिकाओं द्वारा छात्रों को शिक्षा दी जाती होगी। लेकिन आज की घटना आपको सोचने पर मजबूर कर देगी की क्या ऐसी जगह पर ऐसे भी शिक्षक हो सकते हैं जो खुद राष्ट्रीय गान को सम्मान नहीं दे सकते और सम्मान देने पर दूसरों का मजाक बना सकते हैं।
शिक्षा के मंदिर में आज एक घटना घटी जिसे लेकर छात्रों में रोष व्याप्त है। ज्योति भूषण प्रताप सिंह विधि महाविद्यालय में अध्यनरत प्रथम वर्ष के छात्र मनीष मैत्री राष्ट्रगान सुनकर अपनी जगह पर खड़े हो गए। छात्र द्वारा राष्ट्रगान को सम्मान देना कक्षा में मौजूद अध्यापक को नागवार गुजरा और उन्होंने उसे मजाक का पात्र बना दिया। राष्ट्र गीत को सम्मान देने के लिए खड़े हुए छात्र को मौजूद शिक्षक ने बैठ जाने के लिए कहा और मजाक बनाते हुए यह कहा कि बहुत बड़े राष्ट्रभक्ति बनते हो।
इस घटना की जानकारी छात्र ने महाविद्यालय के प्राचार्य को दी और कार्रवाई की बात कही परंतु विधि महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा छात्र की बात को टालते हुए बाद में इस बात पर चर्चा करने की बात कही गई। छात्र द्वारा लिखित में इसकी शिकायत भी प्राचार्य को करने का प्रयास किया गया परंतु उन्होंने आवेदन लेने से इनकार कर दिया ।अंततः छात्र को कमला नेहरू महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर प्रशांत बोपापुरकर को यह आवेदन देना पड़ा। डॉ प्रशांत बोपापुरकर ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि मामले की शिकायत मिली है और इसकी जांच कराई जाएगी। जांच में अगर अध्यापक दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राष्ट्रगान बजने का नहीं है कोई तय समय
कमला नेहरू महाविद्यालय के बीएड संकाय में कक्षा प्रारंभ होने के पूर्व राष्ट्रगान बजाया जाता है। परंतु जानकारी मिली है कि राष्ट्रगान किसी भी समय बजाया जाता इसके लिए कोई तय समय नही हैं. राष्ट्रगान बजने के पूर्व लोगों को इसकी सूचना दी जाती है ताकि राष्ट्रगान का सम्मान सभी कर सके परंतु यहां पर ऐसी कोई सुविधा नहीं है जिससे छात्र-छात्राओं को यह जानकारी हो पाए ।
छात्र-छात्राओं में है रोष,शिक्षक पर कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी
जैसे ही इस बात की जानकारी छात्र-छात्राओं तक पहुंची उन्होंने उक्त शिक्षक और प्राचार्य पर कड़ी नाराजगी जताई। छात्र संगठन के नेताओं का कहना है कि जल्द से जल्द अगर इस मामले पर शिक्षक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो महाविद्यालय में उग्र आंदोलन किया जाएगा।