गरियाबंद

विशेष पिछड़ी जनजाति भुंजिया बहुल गांव मौहाभांठा से शुरू हुआ स्वस्थ जच्चा सुरक्षित बच्चा अभियान

अभियान के तहत कुपोषण मुक्ति, एनीमिया, टीकाकरण, संस्थागत प्रसव और सही स्तनपान के बारे में लोगों को किया जाएगा जागरूक

 

विशेष पिछड़ी जनजाति समूहों पर रहेगा विशेष ध्यान, महिलाओं एवं बच्चों का होगा विकास

जिला प्रशासन की एक और नवाचारी अभियान से सामाजिक व्यवहार परिवर्तन की दिशा में होगा काम

गरियाबंद 13 सितम्बर (ट्रैक सिटी) कलेक्टर श्री आकाश छिकारा की विशेष पहल से जिले में आज से स्वस्थ जच्चा सुरक्षित बच्चा अभियान की शुरूआत हो गई है। अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं और शून्य से 5 वर्ष तक के बच्चे के कुपोषण मुक्ति, एनीमिया, टीकाकरण, संस्थागत प्रसव और सही स्तनपान के बारे में लोगों को जागरूक किया जाएगा। अभियान का शुभारंभ कलेक्टर आकाश छिकारा, जिला पंचायत सीईओ श्रीमती रीता यादव और यूनिसेफ के छत्तीसगढ़ प्रमुख जॉब जकारिया की मौजूदगी में जिले के विशेष पिछड़ी जनजाति भुंजिया बहुल गांव मौहाभांठा से किया गया। इस दौरान मितानिन, ऑगनबाड़ी कार्यकर्ताएं, स्कूली बच्चें एवं ग्रामीणजन मौजूद रहे। अभियान के तहत खासकर विशेष पिछड़ी जनजाति के महिलाओं और बच्चों को कुपोषण और एनिमिया से बचाव के लिए विशेष तौर पर जागरूक किया जायेगा। जिला प्रशासन की इस नवीन पहल से सकारात्मक सामाजिक व्यवहार परिवर्तन की दिशा में काम होगा। शुभारंभ मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने हम सब देंगे साथ, तो बनेगी बात का नारा लगाकर जनजागरूकता में भागीदारी निभाने की शपथ ली। इस अवसर पर कलेक्टर श्री छिकारा ने कहा कि इस अभियान के माध्यम से देश के भविष्य बच्चों को सशक्त बनाने की दिशा में काम किया जायेगा। किसी भी बच्चे के जन्म से एक हजार दिवस तक अधिकतम शारीरिक और मानसिक विकास होता है। इसी अवधि में बच्चे को स्वस्थ रखने के लिए महिलाओं को गर्भवती के शुरूआती समय से ही एएनसी जांच, टीकाकरण, पूरक आहार एवं स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित करने की जरूरत होती है। साथ ही संस्थागत प्रसव से बच्चा और जच्चा सुरक्षित रहता है। उन्होंने कहा कि अभियान के तहत हम सब देंगे साथ तो बनेगी बात को सार्थक करना है। जिला प्रशासन सुविधा देगी। आप लोगों को जागरूक होकर अभियान में शामिल होना है। साथ ही ग्रामीणों को स्वस्थ जच्चा और सुरक्षित बच्चा के लिए विभिन्न हितकारी उपायों के बारे में जागरूक करना है।

अभियान के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन आदि के सहयोग से महिलाओं और बच्चों को कुपोषण और एनीमिया से मुक्त करने लोगों को विशेष प्रकार से जागरूक किया जाएगा। गर्भवती महिलाओं को सही समय पर टीका, खानपान और देखभाल करने तथा प्रसव उपरांत बच्चों की देखभाल के लिए जागरूक किया जाएगा। इस अभियान का स्वास्थ्य विभाग, पंचायत विभाग और यूनिसेफ के माध्यम से क्रियान्वयन किया जाएगा। शुभारंभ कार्यक्रम के अवसर पर यूनिसेफ के छत्तीसगढ़ प्रमुख जॉब जकारिया ने कहा कि अभियान के शुभारंभ से यूनिसेफ गौरवान्वित है। यूनिसेफ द्वारा मां और बच्चे की मौत रोकने के लिए पांच उद्देश्य निर्धारित किया गया है। अभियान में पांचों उद्देश्यों पर लोगों को जागरूक किया जायेगा। उन्होंने संस्थागत प्रसव में गरियाबंद को प्रदेश में पहला स्थान पर लाने के लिए ग्रामीणों को गंभीरता से जागरूक करने की अपील की। उन्होंने अभियान के सफलता के लिए मितानिन, कार्यकर्ता, बिहान दीदी तथा प्रत्येक गांव से 2 वॉलंटियर को सहभागिता निभाने की अपील की। इस अवसर पर सीएमएचओ डॉ. केसी उराव, महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी अशोक पाण्डे सहित ग्राम सरपंच शोभाराम सोरी, रामभरोसा नेताम, पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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