एमसीबी (ट्रैक सिटी)/ कलेक्टर डी.राहुल की अध्यक्षता में आज जिला कार्यालय के सभा कक्ष में जिले के समस्त राजस्व निरीक्षक एवं पटवारियों को जिले में शत-प्रतिशत एवं त्रुटिरहित गिरदावरी कार्य सुनिश्चित करने के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। कलेक्टर जिले में शत प्रतिशत एवं त्रुटिरहित गिरदावरी कार्य के लिए सभी संबंधित अधिकारियों कर्मचारियों को निर्देश दिये। उन्होंने पूरी सतर्कता एवं पारदर्शिता के साथ शत-प्रतिशत गिरदावरी करने हेतु राजस्व अमला को निर्देशित किया है।
प्रशिक्षण में तहसीलदार नीरजकांत तिवारी तथा शशि शेखर मिश्रा ने गिरदावरी कार्य हेतु ग्रामवार, ग्राम पंचायतवार कार्यक्रम निर्धारित करने, गिरदावरी कार्य किये जाने की सूचना ग्राम वासियों एवं ग्राम पंचायत को पर्याप्त समय पूर्व दिए जाने तथा गिरदावरी कार्य हल्का पटवारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी एवं पंचायत सचिव द्वारा संयुक्त रूप से जांच किये जाने के निर्देश दिये। गिरदावरी के समय स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित रहना चाहें तो उपस्थित रह सकते है, अतः उन्हें भी पर्याप्त समय पूर्व सूचना दिए जाने, गिरदावरी कार्य के पूर्व संबंधित ग्राम, ग्राम पंचायत में नियमित रूप से कोटवार के माध्यम से मुनादी कराये जाने के निर्देश दिए गये। हल्का पटवारियों को अपने गिरदावरी कार्य के संबंध में ग्रामवार पंचनामा तैयार करने, पटवारी द्वारा खेत में बोई गई फसल का विवरण खसरा पांचशाला एवं भुईयां सॉफ्टवेयर दर्ज किया जाएगा, साथ ही प्रत्येक ग्राम में किसानों के द्वारा बोई गई फसल के क्षेत्राच्छादन की फसलवार एवं किसानवार जानकारी निर्धारित परिशिष्ट में तैयार कर संबंधित ग्राम तथा ग्राम पंचायत में प्रकाशन कर दावा आपत्ति प्राप्त किये जाने, हल्का पटवारी द्वारा अपने हल्के के ग्राम का भ्रमण करते समय राजस्व अभिलेखों में प्रविष्ट भू-स्वामी एवं अन्य विवरण की जांच कर अभिलेखों में अंकित या प्रविष्ट त्रुटियों खसरों के संकलन या विलोपन के भी निर्देश दिये गये। गिरदावरी में दर्ज रकबे का मैदानी सत्यापन एवं रैंडम सत्यापन पटवारी, राजस्व निरीक्षक, कृषि विकास अधिकारी, नायब तहसीलदार, तहसीलदार, अनुविभागीय अधिकारी व जिला स्तरीय अधिकारी को किये जाने के निर्देश दिए गये। इसके साथ ही गिरदावरी जांच के समय खेतों में मुख्य फसल से भिन्न फसल ली गई है अथवा कोई फसल नहीं ली गई है अथवा भूमि गैर कृषि प्रयोजन हेतु उपयोग की जा रही है, के संबंध में अभिलेखों की जांच राजस्व निरीक्षकों के द्वारा अनिवार्य रूप से किये जाने,पटवारी द्वारा किये गये गिरदावरी कार्य की पर्यवेक्षण अधिकारियों द्वारा जांच कर खसरा नंबरों की प्रविष्टि भुईयां सॉफ्टवेयर में किये जाने, किसान पंजीयन का कार्य राजस्व दस्तावेज के अनुसार किया जाता है। अतः गिरदावरी का काम निर्धारित समय में किया जाना आवश्यक है, पटवारी एवं राजस्व निरीक्षक द्वारा गिरदावरी के समय किसान द्वारा धारित भूमि पर यदि धान के बदले अन्य फसल ली गई हो तो अन्य फसल का खसरावार फोटोग्राफ मोबाईल पर अनिवार्यतः लिए जाने के निर्देश दिए गए है। साथ ही राजस्व रिकार्ड में दर्ज रकबा एवं किसान द्वारा बोये गये वास्तविक रकबा में भिन्नता पाये जाने पर संबंधित अधिकारी, कर्मचारी तथा पर्यवेक्षण करने वाले अमलों की जवाबदेही तय कर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। राजस्व अभिलेखों की शुद्धता, समर्थन मूल्य पर धान व प्राइस सपोर्ट स्कीम (पीएसएस) अंतर्गत अरहर, उड़द एवं मूंग उपार्जन, राजस्व पुस्तक परिपत्र 6 (4) अंतर्गत आर्थिक अनुदान, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, भारत सरकार कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय को प्रेषित की जाने वाली वार्षिक कृषि सांख्यिकी सारणी प्रतिवेदन, कृषि संगणना इत्यादि का क्रियान्वयन गिरदावरी की शुध्दता पर निर्भर करता है। गिरदावरी की जिला स्तर पर निगरानी करने के लिए एक व्हाटस ग्रुप बनाने के निर्देश दिये गये। गिरदावरी कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी एवं कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।
इस दौरान अपर कलेक्टर अनिल सिदार, एसडीएम लिंगराज सिदार, डिप्टी कलेक्टर प्रितेश राजपूत, भू-अभिलेख अधीक्षक श्रुति ध्रुवे सहित राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी उपस्थित रहे।