Korba

साइबर सेल एवं थाना सिविल लाइन की संयुक्त कार्रवाई—म्यूल अकाउंट्स के माध्यम से लगभग 6 करोड़ की ठगी उजागर, 35 म्यूल अकाउंट्स हुआ पहचान।

*10 आरोपीयों को किया गया गिरफ्तार*

*अपराध क्र. 67/2025 धारा 318(4),61(2) (ए), 111 बीएनएस* 

*नाम आरोपीगण-*

01. आकाश दास पिता सहाजन दास उम्र 27 साल साकिन सलियाभोठा सुमेघा थाना बाकीमोगरा छ.ग.

2. अजय दुबे पिता पवन दुबे उम्र 35 साल साकिन डिगापुर टावर के पास थाना सिविल लाईन रामपुर जिला कोरबा

3. आयुश तिवारी पिता गंगा प्रसाद तिवारी उम्र 23 साल साकिन पुरानी बस्ती भण्डारी चौक कोरबा

4. सचिन कुमार पिता बली राम उम्र 21 साकिन जमनीपाली मोहन टाकिज के पास थारी दर्री कोरबा

5. सरफराज मसूवी पिता आलिम मिया उम्र 19 साल साकिन शिव नगर रूमगढा थाना बालको नगर कोरबा

6. लखन चौहान पिता राम जतन चौहान उम्र 25 साल साकिन इंदिरा नगर जमनीपाली थाना दर्री कोराब

7. शिव रतन बिझवार पिता अक्ती राम बिझवार उम्र 41 साल साकिन कुचैना दादर पारा थाना कुसमुण्डा जिला कोरबा

8. अमित बरेठ पिता रमेश बरेठ उम्र 20 साल साकिन महुदा चांपा थाना चांपा जिला जांजगीर चापा

9. सुशात चतुर्वेदी पिता राजेन्द्र दास उम्र 20 साल साकिन 15 ब्लाक कोरबा सीएसईबी थाना सिविल लाईन रामपुर कोरबा

10. अजय कमलेश पिता दुग राम कमलेश उम्र 21 साकिन न्यू हाउसिग बोड कॉलोन खरमोरा

कोरबा (ट्रैक सिटी)/ पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ (भा.पू.से) के के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यूबीएस चौहान व साइबर एवं यातायात प्रभारी रवींद्र कुमार मीना(भा.पू.से), एवं नगर पुलिस अधीक्षक कोरबा भूषण एक्का के नेतृत्व में कोरबा सायबर सेल एवं थाना सिविल लाइन की संयुक्त कार्यवाही में म्यूल अकाउंट्स के जरिये ठगी करने वाले एक संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है। इस ऑपरेशन में अब तक 35 म्यूल अकाउंट्स हुआ पहचान जिसमें 10 आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही की गई है, जिनमें कई खाता धारक एवं अन्य लोग शामिल हैं, जिन्होंने ठगी के लिए बैंक खाते उपलब्ध कराए थे।

अब तक की जांच में लगभग 6 करोड़ रुपये के संदेहास्पद लेनदेन का खुलासा हुआ है, जो फर्जी बैंक खातों के माध्यम से किया गया था। गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है।

*कोरबा पुलिस की अपील – अपना बैंक खाता दूसरों को न दें, साइबर ठगी से बचें*

कोरबा पुलिस नागरिकों से अपील करती है कि वे अपने बैंक खाते, कंपनी पंजीकरण प्रमाणपत्र या ‘उद्यम आधार’ प्रमाणपत्र किसी को न बेचें, न किराए पर दें और न ही किसी अन्य व्यक्ति को उपयोग करने दें। ऐसा करने से आप ठगी, मनी लॉन्ड्रिंग और साइबर अपराध में फंस सकते हैं, जिससे गंभीर कानूनी कार्यवाही हो सकती है।

*खुद को साइबर ठगी से कैसे बचाएं?*

✔️ आकर्षक जॉब ऑफर, ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट और जल्दी पैसा कमाने वाले स्कीम से सावधान रहें।

✔️ अगर कोई आपसे अपना बैंक खाता देने की मांग करे, तो तुरंत मना करें।

✔️ बिना सत्यापन के किसी को अपना OTP, पासवर्ड या बैंक डिटेल्स साझा न करें।

✔️ गिफ्ट कार्ड, वर्चुअल करेंसी या अन्य असामान्य माध्यमों से पेमेंट करने से बचें।

✔️ अगर कोई आप पर तुरंत निर्णय लेने का दबाव बनाए, तो सतर्क रहें और पुलिस को सूचना दें।

*बैंकिंग सुरक्षा एवं म्यूल अकाउंट्स रोकथाम हेतु दिशा-निर्देश*

RBI ने बैंकों को निर्देश दिए हैं कि वे KYC डेटा नियमित रूप से अपडेट करें और संदिग्ध म्यूल अकाउंट्स की निगरानी करें।

*बैंकों को ऐसे फर्जी खातों की पहचान कर कठोर कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं।*

*क्या करें अगर आपको ठगी का शिकार बनाया जाए?*

📞 तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें।

🌐 www.cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें।

📲 साइबर सुरक्षा अपडेट के लिए “CyberDost” के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स को फॉलो करें।

साइबर सतर्क रहें, जागरूक बनें और किसी भी साइबर ठगी का शिकार न बनें।

 

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