बलरामपुर (ट्रैक सिटी)/ राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली तथा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष व जिला न्यायाधीश श्री अशोक कुमार साहू के मार्गदर्शन में 14 दिसम्बर 2024 को वर्ष का अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित किया जा रहा है। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में पक्षकार और अधिवक्तागण राजीनामा योग्य न्यायालय में लंबित प्रकरणों जैसे आपराधिक प्रकरण, धारा 138 लिखत परकाम्य अधिनियम, मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण, बैंक रिकवरी प्रकरण, सिविल प्रकरण, निष्पादन प्रकरण, विद्युत संबंधी प्रकरण, पारिवारिक विवाद के प्रकरण, दूरसंचार विभाग, नगरपालिका परिसर में वसूली सबंधी लंबित प्रकरण राजस्व न्यायालयों में आय, जाति, निवास, सीमांकन एवं नामांतरण के मामले, बंटवारों से संबंधित मामले, इत्यादि के साथ बैंक लोन, बिजली, पानी एवं दूरभाष से संबंधित प्री-लिटिगेशन प्रकरणो में राजीनामा के आधार पर निराकरण करा सकेंगे। राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन के दौरान न्यायाधीशगण, अधिवक्ता संघ के पदाधिकारीगण, न्यायिक कर्मचारीगण, विद्युत विभाग, बी.एस.एन.एल. विभाग, नगर पंचायत विभाग, यातायात विभाग, फॉरेस्ट विभाग एवं बैंक विभाग के अधिकारीगण उपस्थित रहेंगे। राष्ट्रीय लोक अदालत का लाभ अधिक से अधिक पक्षकारों को प्राप्त हो सके, इस उद्देश्य से सभी आवश्यक कार्यवाही प्राधिकरण के द्वारा की जाएगी। बाजार-हाट, सार्वजनिक स्थल में लाउडस्पीकर के माध्यम से एवं प्रत्येक ग्रामों में जन सामान्य को राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में बताकर उसका प्रचार-प्रसार भी पैरालीगल वॉलिंटियर्स के सहयोग से किया गया है। न्यायालयों में लंबित प्रकरणों जैसे आपराधिक प्रकरण, धारा 138 लिखत परकाम्य अधिनियम, मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण, बैंक रिकवरी प्रकरण, सिविल प्रकरण, निष्पादन प्रकरण, विद्युत संबंधी प्रकरण, पारिवारिक विवाद के प्रकरण, दूरसंचार विभाग, नगरपालिका परिसर में वसूली संबंधी लंबित प्रकरण राजस्व न्यायालयों में आय, जाति, निवास, सीमांकन एवं नामांतरण के मामले, बंटवारों से संबंधित मामले, इत्यादि के साथ बैंक लोन, बिजली, पानी एवं दूरभाष से सबंधित प्री-लिटिगेशन प्रकरणों एवं राज्य की जन कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित मामलों के निराकरण की भी कार्यवाही की जाएगी। 14 दिसम्बर, 2024 को न्यायालय के न्यायिक अधिकारियों का कुल 09 खंडपीठ तथा जिला प्रशासन के राजस्व अधिकारियों का भी खण्डपीठ कार्यरत रहेगी जिसमें पक्षकारों की वर्चुअल या फिजिकल उपस्थिति के माध्यम से प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा।
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