कोरबा

बालको सीएसआर समर कैंप में बताया गया वन्य जीव और जंगल का महत्व, प्रोजेक्टर के माध्यम से बच्चों ने देखा जीव जन्तु जंगल।

कोरबा ट्रैक सिटी न्यूज़। प्रोजेक्ट कनेक्ट जो कि बाल्को–वेदांता एवं सार्थक जन विकास संस्थान के सहयोग से चलाया जा रहा है इसके अंतर्गत बच्चों के लिए निशुल्क 15 दिवसीय ग्रीष्मकालीन शिविर का आयोजन बाल्को क्षेत्र अंतर्गत दो केंद्रों शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बाल्को व शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय सोनपुरी में किया जा रहा हैं,इस ग्रीष्मकालीन शिविर के दौरान बच्चों को पढ़ाई के साथ साथ योगा डांस सिंगिंग थिएटर ड्राइंग कैलीग्राफी आर्ट एंड क्राफ्ट एवं सॉफ्ट स्किल रिलेटेड विभिन्न गतिविधियां कराई जा रही है,हजारों बच्चो को समर कैंप के माध्यम से विभिन्न चीजों की ट्रैनिंग दिया जाता हैं, बालको क्षेत्र के आस पास के गांव वाले बच्चें इसमें हिस्सा लेकर अपनी प्रतिभा को निखारने का हुनर शिख्ते हैं, निश्चित ही ऐसे आयोजित कैंप से बच्चों के विकास में सहायक होगा, इसी कड़ी में मैनेजमेंट के द्वारा वन्य जीव और जंगल संरक्षण को भी ध्यान में रखते हुए समर कैंप में शामिल किया गया था, जिसके लिए वाइल्डलाइफ रेस्क्यू टीम कोरबा को विशेष रूप से बुलाया गया जिसमें बच्चों को अच्छी और ज़रूरी जानकारी मिल सकें साथ ही बच्चें पर्यवरण से जुड़े, इस कैंप में पहुंचे वाइल्डलाइफ रेस्क्यू टीम अध्यक्ष जितेन्द्र सारथी अपने टीम मेंबर विक्की ने बच्चों को जंगल एवम वन्य प्राणीयो के महत्व को समझाया, प्रोजेक्टर के माध्यम से सभी बच्चों को हाथी, भालू, बाघ, चिड़ियो के साथ जहरीले सांपो की भी जानकारी दी गई, साथ ही बताया गया सर्प दंश होने पर हमें मेडीकल ईलाज करवाना चाहिए न की झाड़ फूंक, समय रहते हस्पताल पहुंच जानें में ही हमारी ज़िंदगी बच सकती हैं, इस तरह के कार्यक्रमों से निश्चित ही बच्चों में जागरूकता पैदा होगी और पर्यावरण संरक्षण में आपनी विशेष भूमिका निभाएंगे, इस कैंप में बड़ी संख्या में बच्चों के साथ वन परिक्षेत्र बालको के बीएफओ चेतन ध्रू, ज्योतिष राठिया, प्रोजेक्ट कॉर्डिनेटर भीखम लाल पटेल, मुकुल प्रसाद चौहान, सुमन यादव, राहुल यादव उपस्थित रहे।

जितेन्द्र सारथी ने बताया इस तरह के कैंप जिले के समस्त शासकीय विभाग, विद्यालय और संस्थाओं को करना चाहिए, जिस तरह से जंगल के साथ वन्य जीव जन्तु विलुप्त हो रहे, यह चिन्ता का विषय हैं, आज हम इसकी जानकारी अपने आने वाली पीढ़ी को नहीं समझा पाए तो केवल किताबों में इन जीवों को देख पाएंगे।

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