कोरबा

पं. जवाहर लाल नेहरू की मनाई गयी 133वीं जयंती कार्यक्रम

कोरबा, 15 नवंबर (ट्रैक सिटी) कोरबा जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा टी.पी. नगर स्थित जिला कांग्रेस कार्यालय में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू की 133वीं जयंती कार्यक्रम मनाया गया। कार्यक्रम में सर्वप्रथम पं. जवाहर लाल नेहरू के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हे श्रद्धांजलि दी गई तत्पश्चात पं. नेहरू को याद करते हुए उनके जीवनी पर प्रकाश डाला गया। जिसमे सर्वप्रथम सभापति श्यामसुंदर सोनी ने पं. जवाहर लाल नेहरू के जीवनी प्रकाश डालते हुए कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू बच्चों से बहुत प्यार करते थे। बच्चे भी उन्हे चाचा नेहरू कहकर बुलाते थे। पं. नेहरू उच्च शिक्षा ग्रहण कर अपने पिता की तरह वकील बने बाद में वे महात्मा गांधी के साथ स्वतंत्रता आंदोलन में अहम किरदार निभाया। देश की आजादी के लिए पं. नेहरू कई बार जेल गये।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सदस्य एवं विधायक गीता देवी ने कहा कि श्री नेहरू का भाषा पर नियंत्रण था और वे अपने विचार बड़ी सरलता एवं स्पष्टता के साथ प्रस्तुत करते थे। भारत की प्राचीन सांस्कृतिक ख्याति का श्री नेहरू पर बहुत प्रभाव था साथ ही विश्व इतिहास के विभिन्न पहलुओं से भी वे परिचित थे। जिला कांग्रेस अध्यक्ष सपना चौहान कहा कि पं. नेहरू शांत स्वभाव के साथ-साथ मेहनती व्यक्ति थे। आज भी पं. नेहरू को भारत के प्रसिद्ध आदर्शो के रूप में याद किया जाता है। पं. नेहरू का बच्चों से जो लगाव था जिसके कारण ही भारत में 14 नवम्बर को पं. नेहरू की जन्मदिवस को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। महिला कांग्रेस अध्यक्ष कुसुम द्विवेदी ने कहा कि पं. नेहरू केवल एक राजनीतिज्ञ ही नहीं थे अपितु वे एक बहुमुखी प्रतिभा सम्पन्न महान पुरुष थे। वे एक अनूठे चिंतक व महान लेखक थे। संवेदनाओं से भरपूर पं. नेहरू ने भारत ही नही अपितु दुनिया के लोगों का अभूतपूर्व प्यार और सम्मान पाया। भारत ने उन्हे राष्ट्र के सर्वोच्च सम्मान ‘‘भारत रत्न’’ से अलंकृत किया है। पं. नेहरू एक सर्वप्रतिभा सम्पन्न व्यक्ति थे। राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री, चिंतक, साहित्यकार आदि सभी का समावेश उनके धनी व्यक्तित्व में था। उनकी बहुमुखी प्रतिभा उनकी स्वाभाविक उदारता में सोने में सुगंध का कार्य करती थी निश्चय ही वे भारत के रत्न थे।
इस मौके पर ब्लॉक अध्यक्ष संतोष राठौर, राजेन्द्र तिवारी, सुधीर जैन, पार्षद रवि सिंह चंदेल, महेन्द्र निर्मलकर, वेद नायक, हरीश अग्रवाल, सीताराम चौहान, यु.आर. महिलांगे, जे.पी. अग्रवाल, आशीष राव, प्रभात डडसेना, शैलेश सोमवंशी, प्रदीप पुरायणे, बनवारी पाहुजा, राकेश पंकज, बी.बी. प्रसाद, विनोद अग्रवाल, बसंत चन्द्रा, रसपाल संधु, अशोक लोध, सुरेश कुमार अग्रवाल आदि ने पं. नेहरू के जीवनी पर प्रकाश डाला और उनके तैल चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

 

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