गरियाबंद,17 नवम्बर (ट्रैक सिटी) गरियाबंद जिले में कमार एवं भुंजिया जनजाति के लोग सदियों से जंगलों में निवास कर अपना जीवन यापन कर रहे है। इस जनजाति का आर्थिक व सामाजिक विकास पहले से अब अच्छा हो रहा है। कमार और भुंजिया जनजाति सीधा सरल तरीके से जीवनयापन करते हैं। ये जनजाति तीर धनुष के साथ रहते हैं। यह जनजाति की विशेष पहचान हैं। आज इन जनजाति के मतदाताओं ने लोकतंत्र के महापर्व में अपने मताधिकार का उत्साहपूर्वक प्रयोग किया।
पिछड़ी जनजाति समुदाय के मतदाता आज लोकतंत्र के इस महापर्व में मतदान देकर खुद की भागीदारी सुनिश्चित कर रहे है। लोकतंत्र में जनता ही सर्वाेपरि है। इस भागीदारी के बदौलत स्वस्थ लोकतंत्र का निर्माण होता है। इसको ध्यान में रखकर अन्य समुदाय के मतदाताओं की तरह भी आज वे अपने – अपने घरों से निकल कर मतदान करने पहुंचे। विशेष पिछड़ी जनजाति के मतदाताओं में मतदान को लेकर काफी उत्साह देखा गया। उनके लिए जिला प्रशासन द्वारा आदर्श (विशेष पिछड़ी जनजाति) मतदान केन्द्र बनाया गया था, जहां वे लोग अपना मताधिकार का प्रयोग करते हुए अन्य लोगों को भी प्रोत्साहित किया। गरियाबंद जिले के ग्राम मौहाभाठा निवासी श्री रामभरोसा भुंजिया ने तीर धनुष के साथ मतदान करने पहुंचे थे। मतदान करने के उपरांत अपने बाएं हाथ की तर्जनी ऊंगली दिखाकर कहा कि मैंने तो चुनई तिहार में अपने मत का प्रयोग कर लिया है। आप भी अपने मताधिकार का प्रयोग कर लोकतंत्र को मजबूत बनाएं। इसी तरह पारागांव आदर्श मतदान केन्द्र में छत्तीसगढ़ के विशेष पिछड़ी जनजाति, भुंजिया जनजाति के रसोई घर लाल बंगला के थीम पर मतदान केन्द्र विशेष आकर्षण का केन्द्र रहा। जहां विशेष पिछड़ी जनजाति के मतदाताओं सहित अन्य मतदाताओं ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग बढ़ – चढ़कर किया और मतदान पश्चात वहां बनाएं गए सेल्फी जोन में तर्जनी उंगली दिखाते हुए फोटो खिंचवाए जो उनके आत्मविश्वास का प्रतीक है।
विशेष पिछड़ी जनजाति की महिला और पुरूष मतदाताओं ने लिया बढ़-चढ़कर हिस्सा