कोरबा (ट्रैक सिटी)/ विश्व के आदिवासियों मे एक विशेष सांस्कृतिक पहचान है, कला, जीवनशैली, वेशभूषा और सांस्कृतिक विविधताओं को अपने मे संजोकर रखने वाले आदिवासी समुदाय को आज विशेष रूप से याद किया जाता है, सम्पूर्ण भारत मे ही नही बल्कि विश्व भर मे विश्व आदिवासी दिवस पर आदिवासी समुदाय के साथ साथ अन्य समुदायों द्वारा विविध कार्यक्रम आयोजित कर शुभकामनायें प्रकट करते हैँ, आदिवासी संगठनों की ओर से आदिवासी शक्तिपिठों मे विशेष कार्यक्रम आयोजित कर अपने अनुवाइयों को कला, संस्कृति एवं जीवनशैली को संरक्षित रखने प्रेरित किए जाते हैँ। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन कोरबा के पदाधिकारियों द्वारा 09 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस के उपलक्ष्य मे आज वर्तमान मे बिगड़ती हुई प्राकृतिक असंतुलन से जीवों पर पड़ने वाली दुष्प्रभाव के रोकथाम के लिए एक पेड़ माँ के नाम कर्मचारी भवन प्रांगण मे पौध रोपण कर आदिवासी समुदाय को समर्पित किया गया। आज के इस एक पेड़ माँ के नाम कार्यक्रम मे मुख्य रूप से के. आर. डहरिया, जगदीश खरे, तरुण राठौर, एस के द्विवेदी,ओमप्रकाश बघेल, डॉ आर. के. दिब्य, के. एल.प्रसाद, संतोष शुक्ला,विपिन यादव, नित्यानंद यादव, रामकपूर कुर्रे,अशोक कश्यप, बल्लभदास बैष्णव, भगत रत्नायका,सुभाष डंसेना,घनश्याम भास्कर एवं फ़ेडरेशन के अनेक पदाधिकारी शामिल रहे।