बलरामपुर (ट्रैक सिटी)/ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा 05 जून 20224, विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ वृक्षारोपण अभियान का शुभारंभ किया गया था। शुभारंभ पश्चात् अभियान व्यापक रूप लेते हुए महाभियान के रूप में परिवर्तित हुई। इस अभियान के तहत पूरे भारत देश में एक वर्ष में 140 करोड़ पौधों का रोपण करने का लक्ष्य रखा गया। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ लगाए जाने देशवासियों से अपील की है। छत्तीसगढ़ राज्य में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में क्रियान्वयन किया जा रहा है। राज्य में ‘‘एक पेड़ मां के नाम‘‘ अभियान के अंतर्गत लोग अपनी मां के नाम पौधा लगा रहे हैं। छत्तीसगढ़ राज्य में वन एवं पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए वन विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 3 करोड़ 95 लाख 85 हजार से अधिक पौधों के रोपण किया जा रहा है, जिसमें से 2 करोड़ 82 लाख 35 हजार पौधों का रोपण किसान वृक्ष मित्र योजना के अंतर्गत हो रहा है। राज्य में अब तक सवा करोड़ से अधिक पौधों का रोपण किया जा चुका है। इसी कड़ी में बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में भी कलेक्टर के मार्गदर्शन में सभी विभागों ने समन्वय कर इस अभियान को आगे बढ़ाते हुए समस्त विकासखण्डों में ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ पर वृक्षारोपण अभियान वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग बलरामपुर के द्वारा भी जिले में वृहद रूप से एक पेड़ मां के नाम अभियान का बेहतर क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिसके तहत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर निरंतर पौधा रोपण किया जा रहा है।
इस अभियान का उद्देश्य एक ‘‘पेड़ मां के नाम’’ पर लगाना और एक स्थायी समृति बनाना है, जो न केवल पर्यावरण को सरंक्षित करेगा बल्कि एक हरे और अधिक समृद्ध भविष्य के निर्माण में भी बहुत योगदान के रूप में होगा। इस पहल का मुख्य उद्देश्य वर्तमान समय में मौसम में असमायिक परिवर्तन से निजात पाना एवं इस धरा के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिये योगदान के रूप में साबित होगा। एक पेड मां के नाम अभियान अपनी मां के सम्मान में एक पेड़ लगाना केवल एक प्रतीकात्मक दिशा नहीं बल्कि एक कार्य है जो प्रेम, कृतज्ञता और प्रकृति के साथ गहरे संबंध को दर्शाता है। महावृक्षारोपण अभियान के तहत् वनमण्डल बलरामपुर में ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ के तहत 50,190 पौधों का रोपण किया गया। इसी प्रकार महतारी वन्दन योजना के तहत् संस्थानांे/हितग्राहियों को 2,14,720 पौधा वितरण कर रोपण तथा वन क्षेत्र में 15,000 हेक्टेयर भूमि को अतिक्रमण मुक्त कर 16,500 पौधों का रोपण किया गया है।