Korba

जहां कहीं अंधेरा है वह उजाले में न छिप जाये, जहां अंधेरा है वहां प्रकाश भी हो।

कोरबा को आकांक्षी जिले की श्रेणी से बाहर निकालने की दिशा में कार्य करें अधिकारी- नीरज बंसोड़।

*भारत सरकार के संयुक्त सचिव व आकांक्षी जिला प्रभारी ने ली समीक्षा बैठक*

*स्वास्थ्य, सहकारिता और कौशल विकास के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के दिए निर्देश*

कोरबा (ट्रैक सिटी)/ भारत सरकार में संयुक्त सचिव एवं कोरबा जिले के आकांक्षी जिला प्रभारी नीरज बंसोड़ ने आज अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने जिले को आकांक्षी जिले की श्रेणी से बाहर निकालने की दिशा में कार्य करने के निर्देश दिए। श्री बंसोड़ ने आकांक्षी जिला के तय किये गये सूचकांक को ध्यान रखकर जिले के अनुसूचित जनजाति, विशेष पिछड़ी जनजाति एवं अन्य कमजोर वर्गों के उत्थान के लिये कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने समय-समय पर किये जाने वाले कार्यों की मॉनिटरिंग करते हुए तुलनात्मक सूची तैयार करने के निर्देश भी दिए। श्री बंसोड़ ने कहा कि हम सभी को देखना चाहिये कि जिन कारणों की वजह से कोरबा जिले को आकांक्षी जिले की श्रेणी रखा गया है उन क्षेत्रों में कार्य किये जाने के पश्चात संबंधित समुदायों का विकास हो रहा है या नहीं। उन्होंने कहा कि हमें ध्यान रखना चाहिये कि जहां कहीं अंधेरा है वह उजाले में न छिप जाये, जहां अंधेरा है वहां प्रकाश भी होना चाहिए। इस दौरान कलेक्टर श्री अजीत वसंत ने कोरबा जिले की विकास को लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी अधोसंरचना सहित अन्य क्षेत्रों में किये जा रहे कार्यों की जानकारी प्रदान की। उन्होंने डीएमएफ से हो रहे कार्यों की जानकारी देते हुए कहा कि कोरबा जिले को विकास की दिशा में आगे बढ़ाने कार्य किये जा रहें हैं। कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आकांक्षी जिला प्रभारी बंसोड़ ने स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा एवं जल स्त्रोत, वित्तीय समावेशन एवं कौशल विकास, बुनियादी अधोसंरचना से जुड़े विषयों की जानकारी ली। उन्होंने स्वास्थ्य के क्षेत्र को बेहतर बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि यहां जिला अस्पताल एवं मेडिकल कालेज संचालित है। ऐसे में उप स्वास्थ्य केन्द्र से लेकर अन्य स्वास्थ्य केन्द्रों में भर्ती मरीजों को जरूरत पड़ने पर बाहर के अस्पतालों में न भेजकर जिला अस्पताल व मेडिकल कालेज भेजा जाना चाहिए। इसके लिये स्वास्थ्य विभाग को आवश्यक व्यवस्था बनानी होगी। साथ ही छोटे स्वास्थ्य केन्द्रों में भर्ती मरीज को भी यह जानकारी होनी चाहिये कि उनका उपचार जिला अस्पताल एवं मेडिकल कालेज में हो सकता है। उन्होंने चिकित्सकीय उपचार हेतु सतत केयर बनाने की दिशा में कदम उठाने कहा। श्री बंसोड़ ने कोरबा जिले में स्वास्थ्य व सहकारिता के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने की संभावना बताते हुए इस दिशा में प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिले के युवाओं को रोजगार से जोड़ने, उन्हें गुणवत्तायुक्त प्रशिक्षण प्रदान करने के निर्देश देते हुए कौशल विकास के क्षेत्र में कार्य बढ़ाने कहा। आकांक्षी जिला प्रभारी ने जिले में डीएमएफ के माध्यम से स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण और बुनियादी अधोसंरचना के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उपलब्ध संसाधनों के उपयोग से कोरबा जिले को विकास की दिशा में आगे बढ़ाकर आकांक्षी जिला की श्रेणी से बाहर लाया जा सकता है। बैठक में स्वास्थ्य के क्षेत्र में किये गये कार्य, महिलाओं एवं बच्चों के पोषण, शिक्षा, पेयजल, कृषि, आवागमन, बुनियादी अधोसंरचना, महिला आजीविका, कौशल विकास, पशु चिकित्सा आदि के क्षेत्र में किये गये कार्यों की विस्तृत जानकारी दी गई। जिले में डीएमएफ के माध्यम से नये स्कूल भवन, शिक्षक भर्ती, विद्यार्थियों को नीट एवं जेईई की तैयारी हेतु बाहर प्रशिक्षण, स्कूल एवं आश्रमों का जीर्णोद्धार, आंगनबाड़ी भवन निर्माण, स्कूल एवं आंगनबाड़ी में गैस सिलेंडर की उपलब्धता, शिक्षक एव चिकित्सक आवास का निर्माण, स्वास्थ्य केन्द्र भवन, विशेषज्ञ चिकित्सकों की व्यवस्था, जिला अस्पताल एवं मेडिकल कालेज में आवश्यक मानव संसाधन एवं आधुनिक चिकित्सकीय उपकरण, आंगनबाड़ी एवं स्कूलों में नाश्ता, विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों के शिक्षित सदस्यों को रोजगार, दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण व पेयजल सुविधा, पुल-पुलिया, सड़क निर्माण तथा अन्य महत्वपूर्ण कार्यों की जानकारी दी गई। बैठक में जिला पंचायत सीईओ दिनेश कुमार नाग, निगम आयुक्त आशुतोष पाण्डेय, अपर कलेक्टर अनुपम तिवारी सहित सभी अधिकारी उपस्थित थे।

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