बालकोनगर / वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने समुदायों के बीच माहवारी स्वच्छता संबंधी जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से दीवार पेंटिंग, जागरूकता रैलियां, नारा लेखन और पोस्टर बनाने जैसी विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन करके माहवारी स्वच्छता सप्ताह मनाया। बालको ने विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस के अवसर पर लगभग 500 लोगों की उपस्थिति में एक ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किया। इस दौरान ‘सारिका- दोंदरो की नई किरण’ एक शॉर्ट फिल्म भी लॉन्च की गई, जिसका उद्देश्य माहवारी के दौरान स्वच्छ प्रथाओं पर महिलाओं और किशोरियों को प्रोत्साहित करना था। यह फिल्म माहवारी स्वास्थ्य एवं स्वच्छता प्रबंधन पर बालको की प्रमुख परियोजना नई किरण के सफर को दिखाती है।
बालको ने वर्ष 2019 से सार्थक जन विकास संस्थान के सहयोग से कोरबा जिले के गांवों एवं नगर पालिका निगम क्षेत्रों में माहवारी स्वास्थ्य एवं स्वच्छता जागरूकता परियोजना लागू की, जो अब लगभग 45 गांवों तक पहुंच चुकी है। परियोजना को व्यापक बनाने के उद्देश्य से बीते वर्ष जिला स्तर पर कैपेसिटी बिल्डिंग वर्कशॉप सत्र आयोजित किए गए, जिसमें 60-60 की संख्या में लीडर्स समूह- किशोरी बालिकाएं, स्वयं सहायता समूह की महिलाएं और फ्रंटलाइन कार्यकर्ता शामिल हुए थे। लीडर्स समूह ने समुदाय में जाकर माहवारी स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के प्रति बालिकाओं और महिलाओं को जागरूक करने का कार्य किया। एक समावेशी कदम बढ़ाते हुए पुरूषों में संवेदीकरण लाने हेतु 60 से अधिक युवकों के लीडर्स समूह को तैयार किया गया। इस वर्ष क्षेत्र में चार स्वास्थ्य सुविधा केंद्र भी स्थापित किए गए हैं, जो माहवारी स्वास्थ्य और स्वच्छता संबंधी मुद्दों पर परामर्श और उनसे जुड़ी समस्या के समाधान पर कार्य कर रहे हैं। अब तक 33,377 से अधिक महिलाएं, पुरुष, युवतियां और युवक इस जागरूकता मुहिम से जुड़ चुके हैं।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक अभिजीत पति ने सामाजिक चेतना की दृष्टि से इस महत्वपूर्ण आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि बालको अपने सामुदायिक विकास कार्यक्रम के जरिए जरूरतमंदों की हरसंभव मदद करने के लिए कटिबद्ध है। फिल्म का शुभारंभ करते हुए उन्होंने कहा कि ‘सारिका’ सिर्फ एक लघु फिल्म नहीं, बल्कि बदलाव की एक किरण है, जो पूरे क्षेत्र, राज्य और देश में सभी मिथकों को दूर कर समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाएगी। ‘नई किरण’ परियोजना के अंतर्गत लक्षित महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाने के लिए उन्हें अनेक गतिविधियों से जोड़ा गया है। परियोजना ने आसपास के समुदायों को माहवारी के प्रति संवेदनशील बनाने में एक प्रभावशाली भूमिका निभाई है।
शॉर्ट फिल्म की मुख्य किरदार सारिका कंवर ने अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस विषय पर पहल करने के लिए मैं बालको की सीएसआर टीम की आभारी हूं। समाज में माहवारी से संबंधी तमाम भ्रांतियां और मिथक हैं। परियोजना नई किरण ने पुरुष समुदाय में संवेदनशीलता और माहवारी के प्रति धारणा में सकारात्मक परिवर्तन लाकर समाज को नई दिशा दी है।
बेला गांव की सरपंच जया राठिया ने कहा कि बालको की नई किरण परियोजना ने विशेष रूप से ग्रामीण समुदाय से संबंधित महिला सदस्यों के स्वास्थ्य सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि इस मुहिम ने पहले भी समुदाय में कई अन्य बदलाव किए हैं।