अगस्त 2020 में महानदी की भयावह बाढ़ के दौरान छत्तीसगढ़ शासन के निर्देश पर चलाए गए पुलिस के बचाव व मानवीय सहायता अभियान- संवेदना में 48 गांव के 451 बाढ़ पीडित परिवारों को जीवनापयोगी व पुर्नवास सामग्री मिलने से मिली थी राहत
इस प्रशंसित अभियान को मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा सोशल मीडिया पर शेयर भी किया गया था
माह अगस्त 2020 में रायगढ़ जिले के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक आईपीएस संतोष सिंह जो वर्तमान में कोरबा जिले के पुलिस अधीक्षक हैं के द्वारा चलाए गए संवेदना अभियान को इंडिया पुलिस अवार्ड 2022 से सम्मानित किया गया है ।
कोरबा। माह अगस्त, 2020 में रायगढ़ और आस-पास में हुई भारी वर्षा से महानदी के तटीय क्षेत्र सैलाब की जद़ में आए थे। थाना पुसौर, सरिया, सारंगढ़ व कोसीर क्षेत्र के दर्जनों गांव इससे बुरी तरह प्रभावित हुए। पुलिस, जिला प्रशासन, होमगार्ड एवं एसडीआरएफ के बाढ़ बचाव दल द्वारा सैकड़ों बाढ़ पीडितों को समय से विनाशकारी बाढ़ के बीच से बचाकर अस्थायी राहत शिविरों में ठहराया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर प्रशासन के अधिकारियों द्वारा राहत कैम्पों में भोजन, चिकित्सा एवं अन्य आवश्यक सेवाएं की यथोचित व्यवस्था करायी गई। तत्कालीन कलेक्टर भीम सिंह एवं पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह स्वयं राहत शिविरों में जाकर व्यवस्थाओं की जानकारी लिए।
बाढ़ को लेकर आईजी बिलासपुर दीपांशु काबरा ने पुलिस को मदद करने का निर्देश दिया। पुलिस से बाढ़ प्रभावितों ने चर्चा में कच्चे मकानों को सुधार कराये जाने में मदद की गुहार किए। उन्हें प्रशासन की ओर से नुकसानी-आंकलन पश्चात उचित मुआवजा मिलने की जानकारी दिया गया तथा रायगढ़ पुलिस द्वारा भी यथासंभव मदद करने का आश्वासन दिया। पुलिस अधीक्षक द्वारा जनसहयोग से बाढ़ पीडितों की मदद के लिये जीवनापयोगी व पुर्नवास के सामानों को एकत्र करने “संवेदना” कैंपेन चलाया गया। लोगों को राहत देने वाले सर्वत्र प्रशंसित अभियान को मुख्यमंत्री के कार्यालय द्वारा सोशल मीडिया पर भी शेयर किया गया था। अभी रायगढ़ पुलिस के उस उल्लेखनीय “संवेदना” कैंपेन को नोएडा की प्रतिष्ठित गवर्नेंस नाऊ द्वारा आपदा प्रबंधन कैटेगरी में दूसरी “इंडिया पुलिस अवार्ड, 2022” से सम्मानित किया गया। संस्था द्वारा रायगढ़ पुलिस का सम्मान तत्कालीन रायगढ़ एसपी संतोष सिंह, जो वर्तमान में कोरबा में पुलिस अधीक्षक हैं, को एक वर्चुअल पुरस्कार समारोह में आमंत्रित कर यह अवार्ड प्रदान कर किया गया। संस्था द्वारा देश भर के सैंकड़ों नामांकन में से चयन बाद कई कैटेगरी में अवार्ड दिए जाते हैं।
अभियान में रायगढ़ के लोगों, संस्थाओं और पुलिसकर्मी पूरी दरियादिली से थाना/चौकी में बाढ़ पीडितों में वितरण के लिये आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराते रहे, जिससे राहत सामग्रियों का भंडार लग गया। पुलिस अधीक्षक सहित कई पुलिसकर्मी बाढ़ बचाव व बाद में राहत शिविरों के दौरे के दौरान संभवतः कोविड संक्रमितों के सम्पर्क में आने से उस समय कोविड संक्रमित भी हो गये थे। अपार जन सहयोग से रायगढ़ पुलिस के सभी अधिकारियों, थाना प्रभारियों एवं कर्मचारियों द्वारा जिम्मेदारी पूर्वक निभाने से अपने मुकाम पर पहुंची। पुलिस अधीक्षक के दिशा निर्देशों पर एएसपी अभिषेक वर्मा द्वारा वितरण सामग्री वितरण के लिये सभी राजपत्रित अधिकारियों एवं थाना प्रभारियों को लाइनअप किये। थाना प्रभारियों द्वारा प्रभावित ग्रामों का स्वयं सर्वे कर अत्यधिक प्रभावितों को उनकी जरूरत अनुसार आवश्यक वस्तुएं प्रदाय करने सूची तैयार की गई।
थानों में एकत्र राहत सामग्री लेकर वाहन पुसौर, सरिया, सारंगढ़, कोसीर थाना पहुंचे। बाढ़ पीडितों में आवश्यकता अनुसार एलवेस्टर/टिन शेड, तिरपाल, सीमेंट, बांस, कंबल, धोती, साड़ी, जूता-चप्पल, रेडीमेड कपड़े, बर्तन, गद्दा, चटाई, मच्छरदानी, टॉर्च और राशन सामग्री आदि का वितरण किया गया तथा वाहनों से उनके गांवों तक सामानों को पहुंचाया भी गया। सरिया के 21 गांव के 217 परिवार, पुसौर के 13 गांव के 133 परिवार, कोसीर के 9 गांव के 51 परिवार एवं सारंगढ क्षेत्र के 5 गांव के 50 परिवारों को राहत सामग्री वितरण हुआ। बाढ़ पीडितों द्वारा अनूठे मानवीय अभियान के लिए पुलिसकर्मियों को आभार व्यक्त किया गया और उन क्षेत्रों में लोग आज भी पुलिस की संवेदना को याद करते हैं।